नन्हा बालक या नन्ही परी
भाये कचोरी या मीठी पूरी,
लुभाती बोली में कहे मम्मी
रबड़ी बनी है यम्मी यम्मी।
घर में कितना उजाला है
फ़रिश्ता आने वाला है।
सर्दी आई जम्पर पहना,
फूलों का गुच्छा लगे गहना,
सब फाड़ दिये फैशन के लफड़े
गर्मी हुई तो फैंके कपड़े,
पहनी गले में माला है।
फ़रिश्ता आने वाला है।
कुछ भी कहा इसे मत तोड़ो
लेकर इसे ऐसे न दौड़ो,
क्या है, ले जाओ हमें बताकर।
हथेली में रखा कहीं छुपाकर
मासूम-सा घोटाला है।
फ़रिश्ता आने वाला है।
घुटने के बल चलता इधर,
पकड़ो यहाँ से जाये उधर,
हाथों से खिसक कर जाये छूट,
लगे प्यारा और कितना क्यूट,
मीठा एहसास पाला है।
फ़रिश्ता आने वाला है।
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