The AWARD :
Book Launch of “Bhig Gaya Mann” in Melbourne:
http://www.sahityasangam.org/30-may-2015.html
Review of the Book in Sahitya-Kunj :
http://www.rachanakar.org/2015/08/blog-post_1.html
http://www.rachanakar.org/2015/05/bheeg-gayaa-man-sameekshaa.html
Thank you Delhi International Film Festival
धन्यवाद:
सेतु
1.
http://vishwahindidb.com/show_scholar.aspx?id=275
http://www.parikalpnaa.com/2013/08/blog-post_8.html
— http://www.parikalpnaa.com/2012/07/2012.html
http://www.poorvabhas.in/2015/02/blog-post.html
“…शशि पाधा- यू. एस. ए., शारदा मोंगा- न्यूजीलैंड, हरिहर झा- आस्ट्रेलिया आदि का भी योगदान कम उल्लेखनीय नहीं है। इन्हें खोने के लिए कुछ भी नहीं है और पाने के लिए पूरा संसार है।…” नचिकेता
http://www.poorvabhas.in/2010/12/blog-post.html (खबर इंडिया)
अंतरराष्ट्रिय स्तर पर हाइकू रचने वालों की सूची
…ऐसे में प्रकृति, प्रेम और सौदर्य से
स्निग्ध कवि जब क़ागज पर अपना मन लिखता है, तब एक अमर रचना का सृजन होता हैं |
‘’भीगा सावन प्यार में
जल में भीगा बदन
सजनी साजन से करे
कै से प्रणय निवेदन ?
पिया बिना बरसात में
काटी रतियाँ जाग
वेणी फू लों से लदी
डसता जैसे नाग ….कवि हरिहर झा [आस्ट्रेलिया ]
http://www.blogger.com/profile/07513974099414476605
http://chitthacharcha.blogspot.com/2008/07/blog-post_04.html
अब चंद एक लाइना
3. कम्प्यूटर कविता लिखेंगेलैपटाप तालियां बजायेंगे।
http://hgdp.blogspot.com/2007/09/blog-post_10.html
…..कई बार यह सोचना इतना ज्यादा हो जाता है कि कमेण्टियाने के धर्म का पालन नहीं होता. हरिहर झा जी को भी मैं सीरियसली लेता हूं. बसंत आर्य यदा-कदा ठहाका लगा लेते हैं….
http://chitthacharcha.blogspot.com/2007/04/blog-post_15.html
“हरिहर ने टीसती रचना मेरी मर्जी शीर्षक से लिखी है।”
http://hindi-blog-podcast.blogspot.com/2007/03/new-posts-for-february-3-2007-and.html
हिंदी कविता में नया साल
समकालीनता के परिप्रेक्ष्य में
—डा जगदीश व्योम
ऐसे माहौल में भविष्य का क्या पता, इसलिए क्यों न आज थोड़ी ख़ुशियों के साथ कुछ पल गुज़ार लिए जाएँ-
तुम सच कहते हो-
कल किसी आतंकवादी बम से
आसमान फट पड़ेगा
तो मेरी फटी कमीज़ के तार-तार से
आसमाँ को भी सी दूँगा
पर आज मेरे दिल की नसें मत चिरने दो
यारों मुझे साल मुबारक कर लेने दो-हरिहर झा
http://www.vishwahindi.com/hi/downloads/vhp_2015/Chapters/135-138%20PURNIMA%20VARMAN__27.pdf
“इस तरह आस्ट्रेलिया से …… प्रकाशित हुई” – पूर्णिमा वर्मन
———————————– The End —————————————–
Harihar Jha हरिहर झा Mon Feb 26 14:45:09 IST 2007 (हरिहर झा)प्यार गंगा की धार
Harihar Jha हरिहर झा Tue Feb 20 14:06:51 IST 2007 (हरिहर झा)मां की याद
Harihar Jha हरिहर झा Sun Feb 18 13:26:40 IST 2007 (हरिहर झा)खिलने दो खुशबू पहचानो
Harihar Jha हरिहर झा Sat Feb 17 00:52:53 IST 2007 (हरिहर झा)चुप हूं
Harihar Jha हरिहर झा Sat Feb 17 00:36:11 IST 2007 (हरिहर झा)प्रीत के गीत
Harihar Jha हरिहर झा Sat Feb 17 00:27:00 IST 2007 (हरिहर झा)गुनगुनी धूप है
Harihar Jha हरिहर झा Sat Feb 17 00:21:29 IST 2007 (हरिहर झा)रावण और राम
Harihar Jha हरिहर झा Sat Feb 17 00:10:30 IST 2007 (हरिहर झा)न जाने क्यों
Harihar Jha हरिहर झा Sat Feb 17 00:00:31 IST 2007 (हरिहर झा)ऐसा बोर सैयां
Harihar Jha हरिहर झा Fri Feb 16 16:21:46 IST 2007 (हरिहर झा)
आज, विक्रांत यथार्थ की सशक्त प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति से सराबोर कविता – हरिहर झा:
http://www.anhadkriti.com/kriti.php?type=poem&issnm=201406&cnum=502
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